Wednesday, June 12, 2013

इश्क़ अब तक हुआ नही

नज़रे मिली पर इशारा मिला नही
बेरूखी हुई पर हुआ कोई गिला नही
कोई हरक़त जिसपे इक जूस्तजू आए
उसके आने से पहले उसकी खुश्बू आए
चली अब तक है कोई हवा नही...

बिन हवा ही आँचल उड़ा
बिन पूछे दिल उसकी ओर मुड़ा
ओस से गीली घांस है जैसे
सोच भीगी है उसके आस से ऐसे
हटा अभी तक है इकरार का धुआ नही...

उसने अब तक दिल को छुआ नही
इश्क़ अब तक हुआ नही
पर फ़ासले कम हो रहे हैं
सपने आँखों को चुभो रहे हैं

माँगी अब तक है कोई दुआ नही...

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