तू मेरी खुदी, तू मेरी बुनियाद है
तेरी सीख ही मेरी जाएदाद है
हर दीवार पे तस्वीर है
हर शाख पे कोई कहानी लटकी है
हर मोड़ पे एक हँसी की गूँज है
हर कोने मे एक शैतानी अटकी है
तेरा हर दिन, तेरी हर रात मुझे याद है
तेरी सीख ही मेरी जाएदाद है....
हर शक़्स तेरे गाँव का मुस्कुराता ही मिला
है
हलचल जश्न की कभी थमी नही
हर घर का दरवाज़ा हर एक के लिए खुला है
खुशी की थी कोई कमी नही
तेरी वादियों का बीता कल करता मेरा आज आबाद
है
तेरी सीख ही मेरी जाएदाद है....
तेरी खुली बाहें, तेरा खुला आसमान
वो सूखे पत्ते, वो गीला मैदान
तेरी हरी घांस पे ओस की बूंदे
लेना बारिश का मज़ा अपनी आँखें मून्दे
तेरी वजह से मेरी सोच आज़ाद है
तेरी सीख ही मेरी जाएदाद है....
मेरे आने से पहले तू था वहाँ
तू वहीं मेरे जाने के बाद है
मैं जितना दूर चला जाता हूँ
तू आता मुझे उतना ही याद है
रोते हुए, हंसते दिल से है फरियाद अपनी
यूँ ही बाँटता रहे तू जायदाद अपनी
2 comments:
Amazing... hats off to u for writing such beautiful words for school...foundation of every human being. Loved reading it... May God Bless u with more and more creativity... best wishes, arti
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