Friday, May 24, 2013

रुके से कदम



दिल की बात दिल मे ही रह जाए तो बुरा
हालात मासूम नज़र कह जाए तो बुरा

मंज़ूर है इंतेज़ार मे पत्थर हो जाएं आँखें
लुत्फ़-ए-दीदार मे अश्क़ बह जाए तो बुरा

मलाल ज़ाहिर ना कर पाओ तो अच्छा
शुक्रियादा करना रह जाए तो बुरा

खुश्क मौसम, खामोश वादी, रुके से कदम
मौजूदगी उसकी हवा कह जाए तो बुरा


ishQ
21st May 2013

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