रूह सूखी, दिल परेशान
है
भीगे बादलों मे चाँद भी हैरान है
ताकते हैं रात भर आसमान को
टूटे तारे देखना कितना आसान है
उंगली थामे ही निकला था चाँद
जाने रात शाम से क्यों अंजान है?
किरदारों से ज़्यादा दिल ना लगाना
लंबा इंतेज़ार, छोटी दास्तान
है
अजनबी शहर अपना, अपने अजनबी
हो गये
हर मोड़ अपने रास्ते की पहचान है
दिल मे आग लगा के दामन भीगो गया
बारिश का इश्क़ पे एहसान है
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