या तो दिल मे सैलाब का हिसाब रख लो
या चेहरे पे बेखुदी का नक़ाब रख लो
उस पल का इंतज़ार है मेरे जानिब, जब तुम
अपने पैरों पे हमारी उँगलियों की पाजेब रख लो
जागे जागे चलती है रात साथ मेरे
कभी अपनी पलकों पे मेरा भी ख्वाब रख लो
जब 'इश्क' की तड़प हद्द तक आ जाए
सर्द आहों पे होठों की ताब रख लो
ishQ
31st March 2012