Monday, February 11, 2013

ऐसा भी कुछ हुआ नहीं


उसने कुछ कहा नहीं 
सुनने को कुछ रहा नहीं 

नाव भी रुकी रही
दरिया भी बहा नहीं 

बेसबब ही पत्ता टूटा था 
चली किसी और से हवा नहीं 

ना-उम्मीद हो, मायूसी हो 
ऐसा भी कुछ हुआ नहीं 

Friday, February 08, 2013

ख़त


यूँ तो वक़्त कट गया 
मेरा ज़मीर लेकिन बट गया 

मंज़िल नज़र में थी मगर  
मैं खुद ही रास्ते से हट गया 

खोलने की ज़रुरत हुई नहीं 
वो इस अंदाज़ से दे के ख़त गया 

अश्क छुपाने की आदत का ये असर हुआ 
इश्क उम्र भर छुपाता मुस्कराहट गया 

Wednesday, February 06, 2013

धुन जानी पहचानी सी


जिसे देख रहे हो तुम वो शक्स, मैं नहीं हूँ
इस धुंध भरे शीशे मे वो अक्स, मैं नहीं हूँ


गुनगुना रहा हूँ इक धुन जानी पहचानी सी मगर
तेरी हर मौसिकी पे जो करे रक्स, मैं नहीं हूँ

राह-ए-ज़िन्दगी पे मुझसे मिल के 
तू जो खोज रहा है नक्श, मैं नहीं हूँ


- ishQ
7th February 2013