Monday, July 23, 2012

इश्क हो गया




हलकी  बारिश  सा  आया  और  गया 
उसका  अक्स  मेरी  रूह  भिगो  गया  


अब  तक  नम  है  आस्तीन  मेरी 
वो  रात  मेरे  काँधे  पे  रो  गया 


यूँ  तो  दर्द  उठा  नहीं  है  बरसों  में 
ज़ख्म  ताज़ा  है  पर  निशाँ  खो  गया 


मुलाक़ात, गुफ्तगू, हँसना  रोना  हो  गया 
इश्क  हो  गया  पर  शक्स  खो  गया 


Q
24th July 2012

Thursday, July 12, 2012

चमकती तलवार



तेरा  ख़याल  दिल  को  महका  गया  ऐसे 
पहली  बारिश   की   खुशबू   हो   जैसे  

रूह   रह   गयी   प्यासी   फिर   से  
अर्ज़   को   बादलों   की   जुस्तजू   हो   जैसे  

खाली   घर , अँधेरा   दिन   और   गूंजता   है   सन्नाटा  
पानी   नहीं   खिड़की   पे   गिरते   आंसू   हो   जैसे  

चमकती  तलवार   सी   पार   हुई   जिस्म-ओ-जिगर से 
रंग   भी   कुछ   यूँ   था   के   लहू   हो   जैसे  


ishQ
13th July 2012

Sunday, July 08, 2012

खबर......







य़ू तो है दोस्ती हममे बड़ी अच्छी
निभती भी है ग़म मे बड़ी अच्छी 




बस छोटी-छोटी खुशियों की कमी है वरना 
कट रही है ज़िन्दगी कम मे बड़ी अच्छी 




दिल चोट खाता है हर बार खासियत देख कर 
जो है जलन और ठंडक की मरहम मे बड़ी अच्छी 




नहीं आने की खबर हर बार भेजता है 
ये इक बात है मेरे सनम मे बड़ी अच्छी 






ishQ


9th July 2012