राह मे चलते हुए एक जनाब मिल गये
भूले हुए, खोए कुछ ख्वाब मिल गये
यादों के सिरे ले के दो कदम पीछे जो चले
ज़िंदगी के कुछ अधूरे हिसाब मिल गये
खुद से भी पूछने से घबराते थे हम
आज उन सब सवालों के जवाब मिल गये
तूफ़ानो मे फ़ासले तय करते गये,
अचानक, आज पुराने कुछ सैलाब मिल गये
उम्मीद मे उठाए रहते थ हाथ
दुआओं को आज सवाब मिल गये
सालों चली सर्द हवा जुदाई की
आज की मुलाक़ात मे मुद्दत के ताब मिल गये
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