Thursday, January 31, 2013

खिड़की

किसको मालूम था इश्क इतना क़ाबिल हो जाएगा 
सनम खुद उसे अपनी महफ़िल मे बुलाएगा 

खिड़की खोलोगे जिस दिन दिल खोल के 
वो खुशबू की तरह साँसों मे शामिल हो जाएगा

मौज-ए -दरिया-ए -मस्ती ही खुद साहिल हो जाएगा 
खुद तेरा मुहसिन ही तेरा कातिल हो जाएगा 

महफूज़ रखोगे कब तक खुद को अदीब-ए -पर्दा में 
इल्म भी न होगा वो कब तेरी ख़ुदी में दाख़िल हो जाएगा 

ishQ
1st February 2013


Saturday, January 26, 2013

तेरे ख़्याल से प्यार




थोड़ा और तेरा इंतज़ार करने दे मुझे 
थोड़ा और तेरे ख़्याल से प्यार करने दे मुझे 

य़ू तो हर पल आरज़ू होती है तुझे पाने की 
इस आरज़ू पे एतबार करने दे मुझे 

इक नज़र देख ले मुढ़ के फिर से इधर 
तेरी आँखों के तीर दिल के पार करने दे मुझे 

ढूँढता था खुद को तन्हाई के वीराने मे 
तेरी जुस्तजू से जिस्म-ओ-ज़हन में बहार करने दे मुझे 

ishQ
26th January 2013

Thursday, January 24, 2013

इश्क की शोहरत


दिल से इक हसीन शरारत हो गयी 
जिस्म मे इक नहीं हरारत हो गयी 

दोस्त अजनबी और अजनबियों से दोस्ती कर रहा हूँ 
जिस रोज़ से उनकी सोहबत हो गयी 

दिल हार आये हम आँखों की लड़ाई में 
हाँ ये भूल हमसे हज़रत हो गयी 

क्या बताएँ कैसे मशहूर हुए किस कदर 
उनके होठों पे ज़िक्र इश्क की शोहरत हो गयी 

Monday, January 21, 2013

हम मिले नहीं तो क्या हुआ?




मैंने देखा है तुम्हें जब भी
हर आरज़ू पूरी होती लगी है
मैंने सोचा है तुम्हें जब भी
एक ही तमन्ना होती है
हम मिले नहीं तो क्या हुआ

गर ख्वाब में ही मिलना है तो
मुझे नींद में ही रहने दो
यूँ ही होंठ से होंठों को सिलना है तो
मुझे नींद में ही रहने दो
मैं यूँ ही मिलता रहूँगा हर रात तुमसे

तुम्हारे इशारों से ही मुझे
मिल जाते हैं जवाब सवालों के
तुम्हारी बातों में काट लेता हूँ दिन
खुद से बातें करता हुआ
तुम्हारा ज़िक्र और किस  से करूँ?

मेरी ज़िन्दगी में  तुम्हारे आने से
उम्मीद मिल गयी है जीने की
तुम्हें  देख के रुक जाती हैं साँसे
और तुमसे ही हैं धड़कन सीने की
हम मिले नहीं तो क्या हुआ



 - ishQ
22nd January 2013

Friday, January 11, 2013

Jab tak hai Gyaan....

professes -

Tere logical sawaalon ko
Tere sensible jawaabon ko
Nahi maanunga main
Jab tak hai Gyaan....
Jab tak hai Gyaan.... 

Tera har baat pe argue karna
Tera har cheez pe reason poochna
Nahi chahunga main
Jab tak hai Gyaan....

Voh process ki duhaai dena
Voh late night mera call nahi lena
Nahi tolerate karoonga main
Jab tak hai Gyaan....

- from a Gyaani Boss.

Q

Monday, January 07, 2013

hadd-e-imtehaan


aaj khud se pehchaan ho gayi
tere aane se zindagi aasaan ho gayi

dil ki dhadkan ko sambhaal ke rakkha tha
aaj voh bhi tum pe qurbaan ho gayi

behisaab guzar rahi thi zindagi tere pehle
ab har ek pal hadd-e-imtehaan ho gayi

nazre churaate thae kal tak ishQ se
aaj tere dedaar ko yehi aankhein be-imaan ho gayi

Q
7th January 2013