होश, समझ, नीयत हर चीज़ इश्क मे खो बैठे
इक दिल ही नहीं जो साथ निभाता नहीं
इक मेरा सनम , यादों से जाता नही
इक उनका कासिद, कभी वक़्त पे आता नहीं
इल्म हो जाता है मुझे आवाज़ के लहजे से
चाहे वो लफ़्ज़ों मे कुछ भी बताता नहीं
No comments:
Post a Comment