आएगी खबर उसकी इस इंतज़ार मे हैं हम
उसकी याद, उसके सुरूर, उसके प्यार मे हैं हम
हर आहट पे आँखें दौड़ती हैं, सांस रुक जाती है
इक पल वीराना और कभी महफ़िल-ऐ-बहार मे हैं हम
दिल अपनी धुन मे, दिमाग बेख़ौफ़ उढ़ रहा है
बे-काबू जिस्म-ऐ-आरज़ू के ख़ुमार मे है हम
रोके है बद-तम्मना और बांधे है रस्म-ओ-दुनिया
पर “इश्क” बेफ़िक्र और बेपरवाह रफ़्तार मे है हम
ishQ
11th December 2011
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