नयी मुलाक़ात , मुद्दा पुराना
इक लफ्ज़ के सौ मतलब बन जाना
मेरा जूनून, मेरी तड़प, मेरी तिशनगी
उसकी झलक, उसकी नज़र, उसका मुस्कुराना
गर मुमकिन हो तो ही वादा करो सनम
अंजाम न पहुंचे , उसे कहते हैं फ़साना
आरज़ू -ए -इश्क की हद देखिये
जैसे किसी आदत का ज़िद बन जाना
5th November 2011
2 comments:
nice work..:)
short and nice and fulfilling thoughts...
Amazing thoughts...nicey....:)
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