हर हमसफ़र सनम नहीं होता
हर दर्द की वजह ग़म नहीं होता
इसी गलत फ़हमी में जी गए ज़िन्दगी
कुछ भी ज्यादा या कम नहीं होता
कुछ शक्स सब कह देते हैं ख़ामोशी से
उनम़े लफ्ज़-ओ-दम नहीं होता
जैसे कुछ जज़्बों का कोई सबब नहीं होता
कुछ ज़ख्मो का मरहम नहीं होता
- ishQ
6th November 2011
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