Wednesday, October 19, 2011

वो


कल तक सपनों मे आती थी

आज मेरी गोद मे लेटी है

दुनिया मे सबसे अनोखी

वो, मेरी बेटी है


कुछ ही दिन हुए वो घर आई

रिश्ता लेकिन है लगता सालों का

लाजवाब, एक ही जवाब है

वो, मेरे सारे सवालो का


अजब उसका खेल

अजब चाल सलोना है

दिन भर उसको सोना

और रात भर उसको रोना है


य़ू तो अब तक कभी कहीं

पूरा एक लफ्ज़ कह पाई है

आँख भर आती है मगर जब

वो, मेरी गोद मे मुस्कुराई है


आज ही हमे लगता है

कब ये बच्ची बड़ी होगी

पहले घुटनों के बल और फिर

अपने पैरों पे खड़ी होगी


बेवजह नहीं है ये

जो मैं इतना खुश दिख रहा हूँ

वो, मुझसे इक नया रिश्ता जता रहा है

मैं बस अपनी आप बीती लिख रहा हूँ


उसके गोद म़े आते ही मैंने

हर ख़ुशी सीने म़े समेटी है

सबसे अलग, सबसे अनोखी

वो, मेरी बेटी है


- ishQ

20th October 2011

2 comments:

Spontaneous Mini said...

Wooooowwwww this is awesome. As if you have put my thoughts on paper. What talent you got.

Monika said...

adorable !! hugs to your little one :))
Wish her all happiness in life and wish you enjoy every second of her growing up !!

Cheers K :))