Friday, October 05, 2012

फैसला रुक गया


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उधर चलते चलते वो काफिला रुक गया
इधर बेचारा दिल अकेला रुक गया

वो जाते जाते मुस्कुरा गया इस तरह
उस से होते होते गिला रुक गया

जब से किसी को मनाना शुरू किया है
दुनिया से रूठे रहने का सिलसिला रुक गया

मैं अनजाने न जाने क्या कह गया
और 'इश्क' होने का फैसला रुक गया

ish-Q
6th Oct 2012

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