थोड़ा और तेरा इंतज़ार करने दे मुझे
थोड़ा और तेरे ख़्याल से प्यार करने दे मुझे
य़ू तो हर पल आरज़ू होती है तुझे पाने की
इस आरज़ू पे एतबार करने दे मुझे
इक नज़र देख ले मुढ़ के फिर से इधर
तेरी आँखों के तीर दिल के पार करने दे मुझे
ढूँढता था खुद को तन्हाई के वीराने मे
तेरी जुस्तजू से जिस्म-ओ-ज़हन में बहार करने दे मुझे
ishQ
26th January 2013
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